प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में हिंदी भाषा के महत्व और उसकी वैश्विक भूमिका को लेकर कई मंचों पर अपने विचार साझा किए हैं। विशेष रूप से, 10 जनवरी 2025 को विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर, उन्होंने हिंदी भाषा की समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक पहचान को रेखांकित किया। काठमांडू में आयोजित एक कार्यक्रम में उनके संदेश को भारतीय दूतावास की प्रतिनिधि गीताांजलि ब्रैंडन ने पढ़ा, जिसमें उन्होंने हिंदी प्रेमियों और विद्वानों के योगदान की सराहना की और हिंदी को भारत-नेपाल मैत्री का सेतु बताया।
इसके अलावा, 14 सितंबर 2024 को हिंदी दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए हिंदी भाषा की शक्ति और उसके माध्यम से लोगों से जुड़ने की अपनी व्यक्तिगत अनुभूति साझा की। उन्होंने कहा कि "यदि मैं हिंदी नहीं जानता, तो लोगों से कैसे जुड़ पाता?" उन्होंने महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस और अन्य नेताओं का उल्लेख करते हुए हिंदी के प्रचार-प्रसार में उनके योगदान को याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच अटूट संबंध है, और सभी भाषाएं मिलकर भारत की सांस्कृतिक विविधता को समृद्ध बनाती हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हिंदी को वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत करने के लिए सरकार द्वारा कई पहलें की जा रही हैं, जैसे कि भाषाओं के बीच अनुवाद के लिए एआई-सक्षम पोर्टल का विकास।
यदि आप प्रधानमंत्री मोदी के इन भाषणों को सुनना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित वीडियो देख सकते हैं:
इस वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी भाषा की वैश्विक भूमिका और उसके प्रचार-प्रसार के लिए सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डाला है।
यदि आप किसी विशेष भाषण या विषय पर जानकारी चाहते हैं, तो कृपया बताएं, मैं आपकी सहायता करने के लिए तैयार हूँ।
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